Friday, 5 May 2017

इस देश की छटपटाहट को महसूस करिये…

हमारे कैंपस यानी कि आईआईएमसी के कैंपस के ऊपर से जाता हुआ हवाई जहाज ज़मीन से थोड़ी नज़दीकी रखता है।इसलिए थोड़ा नज़दीक से हम देख पाते हैं उसको।आवाज भी तेज़ होती है।
हवाई जहाज के अपने पंख तो होते हैं,लेकिन उनकी अपनी उड़ान नहीं होती।उसको ईंधन देना पड़ता है उड़ने के लिए।एक पायलट होता है जो उसको दिशा देता है,संचालित करता है।
हवाई जहाज खुले आकाश में उड़ता है लेकिन वो ये कभी नहीं कह सकता कि वो इतना आज़ाद है जैसे कि एक छोटी सी चिड़िया।
चिड़ियों का चहचहाना लोगों को नींद से जगाता है,हवाई जहाज की गुर्राहट लोगों की नींद खराब करती है।
हवाई जहाज में (कम से कम अभी तक तो)चप्पल वाले लोग नहीं बैठ सकते।
हवाई जहाज का मालिक पायलट नहीं होता,मतलब पायलट जैसे चाहे जहाँ चाहे वहां उसे उड़ा नहीं सकता।

हवाई जहाज की जगह आज की 'आज़ाद' मीडिया को रखिये और हवाई जहाजों की गिरफ्त में फंसी हवाओं में इस देश की छटपटाहट को महसूस करिये…


'वर्ल्ड फ्री प्रेस डे'

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