मुझे उसे ये समझाने में हज़ारों बरस लग गए कि 'डायन' का कोई पुल्लिंग नहीं होता जबकि 'देवी' का पुल्लिंग 'देवता' होता है।
मुझे उसे समझाने में हज़ारों साल लग गए कि 'कुलटा' का कोई पुल्लिंग नहीं होता जबकि 'सुशीला' का 'सुशील' होता है।
मुझे उसे समझाने में हज़ारों साल लग गए कि 'वेश्या' का कोई पुल्लिंग नहीं होता जबकि 'माँ' का पुल्लिंग 'बाप' होता है।
वो पागल थी।समझ में तो नहीं आया लेकिन मान लेती थी चुप चाप।
लेकिन अब... अब वो हमारे बनाए शब्दकोशों के भूगोल पर इतिहास से सवाल करने का विज्ञान सीख रही है।जिसके बाद या तो वो डायन, कुलटा और वैश्या का पुल्लिंग शब्द ढूंढ लेगी या फिर वो पन्ने फाड़ देगी जिसकी भूमि पर इन शब्दों के कैक्टस उगे हैं।
हमारी सल्तनत के पाये हिल रहे हैं।किसी 'बरगद' की जड़ें गहरी फ़ैल रही हैं।
Who's written this.. It is good..
ReplyDeleteHi... I loved the poetry.
ReplyDeleteWhat's your real name?
Ye sawal mere bhi dil mein uthte hai kai bar. Yeh purush pradhan samaj per prahar hai, aurat k charitra per bohot jaldi sawal uthte hai, meri nazar mein bohot auraton k sath sambandh banane wala admi bhi randwa, vaishya hai. Mere hisab se shadi k bahar sambandh rakhne wala admi bhi randwa, kulta hai. Mere khayal se vaishya k sath sone wala admi bhi vaishya hota hai,bus fark itna hota hai yeh muft mein apna jism batta hai.
ReplyDeleteरंडवा उसे कहते हैं जिसकी पत्नी मर गई हो नाजायज संबंध बनाने वाला आदमी रंडू कहलाता है और कुल्टा का पुलिंग कुलटक होता है और वेश्या का पुलिंग वेशी होता है।
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