Monday 13 March 2017

कविताः जोगीरा 2017


मनरंजन में कमी रहेगी,नहीं कभी श्रीमान।
ये भारत की राजनीति है,नौटँकी परधान।
जोगीरा सा रा रा रा रा

जब जब शांति बढ़ेगी,होगा,ड्रामा का अवसान।
तब तब कोई ज्ञानी नेता,देगा एक बयान।
जोगीरा सा रा रा रा रा

सायकिल-पंजा छिन्न-भिन्न हैं,हाथी है अवशेष।
और गधों से प्रेरित होकर,भगवा हुआ प्रदेश।
जोगीरा सा रा रा रा रा

यूपी मेहरबान हुआ तो,गदहा पहलवान।
अब देखो पहले क्या बनता,मन्दिर या शमशान।
जोगीरा सा रा रा रा रा

राम नाम है सत्य,न शिव है,ओम शांती ओम।
नब्बे फूल चढ़े 'आशा' पर,हार गयीं इरोम।
जोगीरा सा रा रा रा रा

ऐ बे!सुन न!फ्लोटिंग वोटर और न जाने क्या!
सुना सुनाकर कान पकाया,हुआ मगर उल्टा।

परसेंट चालिस-तीस-बीस सब,गलत हो गया योग!
आँख तरेरे आज समर को,खोज रहे थे लोग।
जोगीरा सा रा रा रा रा

नीला लड्डू किसका फूटा,कौन हुआ मायूस।
कवन आजकल खुद को करता,मंत्री सा महसूस।
जोगीरा सा रा रा रा रा

अमण का नीला लड्डू फूटा,समर हुआ मायूस।
सैनी जी कर रहे आज हैं,मंत्री सा महसूस।
जोगीरा सा रा रा रा रा

कौन हुआ हॉस्टल से बरामद,किसको चढ़ गयी भंग।
किसकी लुट गयी इज़्ज़त बोलो,कौन रह गया दंग।

अनुराग बरामद हुए,चढ़ गयी,आशुतोष को भंग।
सोनीजी की लुट गयी इज़्ज़त,सभी रह गए दंग।
जोगीरा सा रा रा रा रा

दिव्य हार के बाद पढ़ गयीं,परचा ताबड़तोड़।
देवीजी ने दिया ठीकरा,ईवीएम पर फोड़।
जोगीरा सा रा रा रा रा

हाथ पकड़ पप्पू के भागे,धरम मिला न धाम।
टायर भी हो गया बर्स्ट और,रहा बोलता काम।
जोगीरा सा रा रा रा रा

कर लो,ज्वाइन आईएसआई,या माल्या सा चीट।
पर न बोलते भारत की जय,देंगे तुमको पीट।
जोगीरा सा रा रा रा रा

इक तो करी न साहब की,वो एक्स्ट्रा क्लास अटेंड।
क्या ही अजूबा है जो हो गए,लिखने पर सस्पेंड।
जोगीरा सा रा रा रा रा

कभी नहीं तुम प्रश्न उठाना,सत्ता कृत्यों पर।
नहीं तो तुमसे पहले पहुंचे,नोटिस तेरे घर।
जोगीरा सा रा रा रा रा

प्यार-मोहब्बत,यारी,मीठी बोली ज़िंदाबाद।
टोपी-चंदन-पगड़ी की रंगोली ज़िंदाबाद।

मेरी-तेरी-उनकी हंसी-ठिठोली ज़िंदाबाद।
रंग-भंग-हुड़दंग मचाती टोली ज़िंदाबाद।

प्रथम प्रणय में रंगे 'भोला-भोली' ज़िंदाबाद।
पीली सरसो-हरी बालियां-रोली ज़िंदाबाद।

ख़ुशी जहां में जिसने-जिसने घोली ज़िंदाबाद।
तेरी-मेरी-उनकी-सबकी होली ज़िंदाबाद।
जोगीरा सा रा रा रा रा

बाप छोड़िये आप न खुद को ही पाये पहचान।
तभी सफल है रंग खेलने का अद्भुत अभियान।

मज़े-मज़े में,ख़ुशी-ख़ुशी में,होने स्वयं हलाल।
हम आएंगे होली तू भी आना अगले साल।
जोगीरा सा रा रा रा रा
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राघवेंद्र शुक्ल

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